Facts About Read Hindi Poems Revealed
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सजें न मस्जिद और नमाज़ी कहता है अल्लाताला,
आज निछावर कर दूँगा मैं तुझ पर जग की मधुशाला।।२।
जब न रहूँगा मैं, तब मेरी याद करेगी मधुशाला।।७१।
वो ही तो फ़िर धारा के सीनों पर भवनों में घुस जाता हैं
करे बात भी रूखी-सूखी, बोले बस बोल हिदायत के, दिल में प्यार माँ जैसा ही, किंतु बनी अलग तस्वीर रहे!....
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यदि इन अधरों से दो बातें प्रेम भरी करती हाला,
इतरा लें सब पात्र संघर्ष हौसला पर शायरी न जब तक, आगे आता है प्याला,
बजी न मंदिर में घड़ियाली, चढ़ी न प्रतिमा पर माला,
मुश्किलें दिलों के इरादों को आजमाएंगी, आँखों के पदों को निगाहों से हटाएँगी, गिरकर भी हम को संभलना होगा, ये ठोकरें ही हमको चलना सिखाएंगी।
भुरा सदा कहलायेगा जग में बाँका, मदचंचल प्याला,
किसी ओर मैं देखूं, मुझको दिखलाई देता साकी
प्यास बुझाने को बुलवाकर प्यास बढ़ाती मधुशाला।।६९।
बादल बन-बन आए साकी, भूमि बने मधु का प्याला,